. *|| हृदयस्पर्श ||*
जब तक चलेगी *जिंदगी* की सांसे
कहीं प्यार कहीं *टकराव* मिलेगा !!
कहीं बनेंगे संबंध *अंतर्मन* से तो
कहीं *आत्मीयता* का अभाव मिलेगा
कहीं मिलेगी जिंदगी में *प्रशंसा* तो
कहीं नाराजगियों का *बहाव* मिलेगा
कहीं मिलेगी सच्चे मन से *दुआ* तो
कहीं भावनाओं में *दुर्भाव* मिलेगा !!
कहीं बनेंगे पराए *रिश्तें* भी अपने तो
कहीं अपनों से ही *खिंचाव* मिलेगा !!
कहीं होगी *खुशामदें* चेहरे पर तो
कहीं पीठ पे बुराई का *घाव* मिलेगा !!
तू चलाचल राही अपने *कर्मपथ* पे
जैसा तेरा भाव वैसा *प्रभाव* मिलेगा !!
रख स्वभाव में शुद्धता का *"स्पर्श"* तू
अवश्य जिंदगी का *पड़ाव* मिलेगा !!
🙏🙏🏻🙏
Ye aapne likhi hai??
ReplyDeleteAgar aapne likhi hai, to bahut badiya hai bhai
Aise hi likhte raho